हर बाला देवी की प्रतिमा बच्चा बच्चा राम है || ध्रु ||
हर शरीर मंदिर सा पावन हर मानव उपकारी है
हर शरीर मंदिर सा पावन हर मानव उपकारी है
जहॉं सिंह बन गये खिलौने गाय जहॉं मॉं प्यारी है
जहॉं सवेरा शंख बजाता लोरी गाती शाम है || 1 ||
जहॉं कर्म से भाग्य बदलता श्रम निष्ठा कल्याणी है
त्याग और तप की गाथाऍं गाती कवि की वाणी है
ज्ञान जहॉं का गंगाजल सा निर्मल है अविराम है || 2 ||
जिस के सैनिक समरभूमि मे गाया करते गीता है
जहॉं खेत मे हल के नीचे खेला करती सीता है
जीवन का आदर्श जहॉं पर परमेश्वर का धाम है || 3 ||
आपको शायद भ्रम हो गया है इस गीत के बारे में। चन्दन है इस देश की माटी गीत स्व. डा. हरगोविन्द सिंह जी ( पूर्व विभागाध्यक्ष हिन्दी, ब्रह्मानन्द महाविद्यालय राठ ) द्वारा रचित है ।
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