अन्धकार सब जग में फैला ,
जीवन पर छाया पट मैला ।
भ्रष्टाचार समस्त मिटाने ,
शरण -शिखा की लहर चली है। .
नव प्रकाश की ज्योति जली है । ।
लाखों बंधु गये हैं मारे ,
श्रोर करोंड़ो बिना सहारे ।
पावन करने छोड़ किनारे ,
गंगा की धारा निकली है
नव प्रकाश की ज्योति जली है । ।
रक्षा गौ -माता -ब्राह्मणो की,
संकट में है लज्जा जिनकी ।
भीम पराक्रम मांग रही है ,
कुरुक्षेत्र की भ्रमर स्थली है
नव प्रकाश की ज्योति जली है । ।
World Environment Day....Smile on everybody's face,,🏡🌍🤢👧👨👲
ReplyDeleteBe natural.....Everything is happening..
ReplyDelete