नव प्रकाश की ज्योति जली है ..

अन्धकार सब जग में फैला ,
जीवन पर छाया पट मैला । 
भ्रष्टाचार समस्त मिटाने ,
शरण -शिखा  की  लहर चली है। . 
 नव प्रकाश की ज्योति जली है । । 

लाखों बंधु गये हैं मारे ,
श्रोर करोंड़ो बिना सहारे । 
पावन करने छोड़ किनारे ,
गंगा की धारा  निकली है 
 नव प्रकाश की ज्योति जली है । । 

रक्षा गौ -माता -ब्राह्मणो की,
संकट में है लज्जा जिनकी । 
भीम  पराक्रम मांग रही है ,
कुरुक्षेत्र की भ्रमर स्थली है 
 नव प्रकाश की ज्योति जली है । ।




2 comments:

  1. World Environment Day....Smile on everybody's face,,🏡🌍🤢👧👨👲

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  2. Be natural.....Everything is happening..

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